स्वामी विवेकानंद और उनके विचार शायद हि आप जाणते हो? Swami Vivekanand ka jivan parichay !

स्वामी विवेकानंद और उनके विचार शायद हि आप जाणते हो? Swami Vivekanand kaun the ?

# स्वामी विवेकानंद कौन थे उनका परीचय!


स्वामी विवेकानंद के बारे मे आज हर कोई जाणता है. उनका जन्म 12 जानेवारी 1863 मे कलकत्ता मे हुआ जो की अब कोलकाता के नाम से जाना जाता है! तब कलकत्ता ब्रिटिश भारत की राजधानी थी! स्वामी विवेकानंद पहिले से ही बुद्धिमान थे . हर किसी के जिवन मे कोइ ने कोई गुरू होता हैं वैसे ही स्वामी विवेकानंद जी के भी गुरू थे जिनका नाम रामकृष्ण परमहंस था !

Swami Vivekananda ka jivan parichay

# स्वामी जी का नाम और उनका परिवार !


भारत को अध्यात्म से जोडणे वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद को इस नाम से हर कोई जाणता है, परंतु उनका नाम नरेंद्र नाथ दत्त था ! उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त्र और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. स्वामी जी के कुल 8 बहेण भाई थे . स्वामी जी ने आपने गुरू रामकृष्ण से सिखा की जीवित प्राणी ईश्वर का अवतार हैं, मानव जाती की सेवा द्वारा परमेश्वर की सेवा की सेवा की जा सक्ती है ! 

Swami Vivekanand


#स्वामी जी के वचन औंर ऊनसे लोगो को क्या शिक्षा मिली !


स्वामी जी कहते थे जब मुझे पता लगा की ईश्वर हर जीवित मानव मे हैं तब मै हर व्यक्ती मे ईश्वर देखणे लगा, तब मैं हर बंधन से छुट गया ! वो शिक्षा को लेकर कहते थे की सच्ची शिक्षा यानी मनुष्य का मानसिक विकास, ऐसा विकास जो खुद के लिये स्वातंत्र्य पूर्वक विचार कर सही निर्णय ले सके !

Swami Vivekananda college chembur

# स्वामी विवेकानंद का नारा और वो लोगो के लिये प्रेरणा !


स्वामी विवेकानंद जी का महेनत के प्रति ज्यादा झुकाव था , उनका नारा था की " उठो जागो तब तक मत रूको जबतक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए " ! 
स्वामी जी आज भी कई लोगो के लिये प्रेरणा है इसका कारण स्वामी जी के विविध धर्मो , समुदाय और परंपराओ के बारे मे संयुक्त सोच रखी. उनके विचार जडता से मुक्ति की प्रेरणा देते हैं , राष्ट्रीय युवा दिवस के पिछे प्रेरणा स्त्रौत स्वामी ववेकानंदजी है ! 


#उनका भारत के प्रति योगदान ! 


स्वामी विवेकानंद भारत के महानतम आध्यात्मिक नेताओं मे से ऐक थे और भारत के इतिहास और संस्कृती मे एक सम्मानित व्यक्ती थे . स्वामी ववेकानंद ने लोगो ने राष्ट्रीय चेतना जगाणे का प्रयास किया , उनका संदेश सार्वभौमिक , तर्कसंगतता और धार्मिकता पर आधारित था . स्वामी विवेकानंद जी ने जब रामकृष्ण परमहंस का निधन हूआ जो की उनके गुरू थे तब 1889 मे उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की !

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