राजा राममोहन रॉय का परिचय? देश के प्रति योगदान, क्या आप जाणते हो? Raja rammohan Roy ka parichay.

राजा राममोहन रॉय का परिचय? देश के प्रति योगदान, क्या आप जाणते हो? Raja rammohan Roy ka parichay.

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# राजा राममोहन रॉय कौन थे?

राजा राममोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) भारत के प्रमुख समाजसेवी, शिक्षाविद्, धर्मसुधारक, विचारवंत और स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।
उनका का जन्म 22 मई 1772 मे बंगाल मे स्तिट राधानगर मे हुआ. उनको आधुनिक भारतीय समाज का जन्म दाता जहा जाता है ! आधुनिक का मतलब जो पहिले प्रथा परंपरा चलती थी, अंधश्रद्धा चलती थी वो बंद हो के सब समाज विकसित हुआ है इसका श्रेय राजा राममोहन को जाता हैं ! इस कारण उन्हे आधुनिक भारतीय समाज का जन्मदाता काहा जाता है. उन्होंने लॉर्ड विल्यम बेंटीक के साथ मीलकर जीस परंपरा से जिस प्रथा से देश की स्थिती खराब हो या लोगो को दुःख , दर्द, पीडा सहेन करणी पडे और उससे उनका नुकसान हो ऐसी प्रथाये बंद करावा दि !

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# राजा राममोहन राय के जिवन के कूछ अध्ययन और उन्हे ज्ञात भाषाये !


राजा राममोहन राय को आपने जिवन मे अरबी भाषा, ग्रीक, हिब्रू, फारसी, और अंग्रेजी भाषाओ का ज्ञान था . इन भाषाओ की पकड की वजह से वो किस जाती या धर्म के है ये लोगो को समझ नहीं आता था . उन्होंने सभी धर्म पढे और उनका अभ्यास किया था. महेज 17 साल की उमर मे उन्होंने मुर्तीपुजा और अधार्मिक अंधविश्वास का विरोध किया था!
राजा राममोहन राय ने वेदो और उपनिषदो का बंगाली और अंग्रिजी भाषा मे अनुवाद किया था !

raja rammohan roy biography 


#राजा राममोहन राय कहा काम करते थे ?


राजा राममोहन राय ने 1805 बंगाल मे स्टीत ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा मे शामिल होकार 1814 तक उन्होंने वाहिपर कार्य करते रहे. उन्होंने 1814 के बाद कलकत्ता जाकर समाज को सुधारणे का जिम्मा उठाया , जनता की सेवा के लिये आत्मीय सभा का प्रारंभ किया !
उन्होंने बाल विधवा पुण्यश्लोक अश्रम की स्थापना की जहां वे बालिकाओं को शिक्षा देते थे। इसके अलावा राममोहन राय ने धर्मनिरपेक्षता, महिला सशक्तिकरण और अंग्रेजी भाषा के प्रचार में भी अहम भूमिका निभाई।

#राजा राममोहन ने किसका वीरोध किया ?


राजा राममोहन राय ने precepts of Jesus in 1820, Bible मे miracle दिखाया गया उस जादूगर का विरोध किया . उन्होंने समाचार पत्र की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया , 1821 मे एक न्यूज पेपर शूरू किया " संबत कौमुदी" . उसके बाद उन्होंने सबसे पहिला फारसी भाशिक एक साप्ताहिक शूरु किया मिरात-उल-अखबार .
उन्होंने 1825 मे वेदांत कॉलेज शूरू किया . राजा राममोहन राय ने 1828 मे ब्रम्ह सभा की स्थापना की उस सभा के आधार पर 1830 मे उन्होंने ब्रम्ह समाज की स्थापना की !
जो भारतीय धर्मों के आधार पर नहीं बल्कि अधिकांशतः वेदों के आधार पर बना था।
 और उनका सबसे अहम कार्य 1829 मे लॉर्ड विल्यम बेंटिक के साथ मिलकर सती प्रथा बंद कराई . विलियम बेंटिंक उस वक्त भारत के पहिले गव्हर्नर जनरल थे ! 
# राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी शिक्षा का समर्थन किया वो 1830 मे इंग्लंड गये वही उनका मृत्यू हुआ . ब्रिस्टल (ब्रिटन) वाजपर चौरहे पर उनका पुतला है !

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