क्या आप सेवालाल महाराज के मुख्य संदेश जाणते हो ? Sant sevalal Maharaj jivan parichay ! सेवालाल महाराज कुछ मुख्य संदेश !
क्या आप सेवालाल महाराज के मुख्य संदेश जाणते हो ? Sant sevalal Maharaj jivan parichay ! सेवालाल महाराज कुछ मुख्य संदेश !
संत सेवालाल महाराज एक समाज उद्धारक थे उन्होंने समाज कल्याण हेतू बहोत बाते कही थी, उन्होंने दिव्य संदेशो व्दारा बंजारा समाज के हर व्यक्ती को सही रास्ता दिखाने का प्रयास किया .
संत सेवलाल महाराज का जन्म 15 फरवरी 1739 के शुभ दीन उस समय के म्हैसूर प्रांत और वर्तमान आंद्रप्रदेश के अनंतपुरम जिले के गोलाल डोडी तांडा मे हुआ . वो एक भारतीय सामाजिक-धार्मिक सुधारक, सामुदायिक नेता थे ! वो जिवन भर ब्रह्मचारी बनकर रहे .वो रामावत क्षत्रिय कुल के भीमासिंह नाईक जी के चिरंजीव थे !
# संत सेवालाल महाराज के गोरबोली मे कुछ प्रमुख संदेश !
1) " आंणजो -छानजो - पपच मांनजो "!
अर्थात - किसी भी बात को जाणो , उसका अध्यायन करो, परीक्षण करो फिर उसे आपणाओ.
2) "कोई केती मोटा छेई, कोइ कती नानक्या छेई, केनी भजो मत, केनी पुजो मत , छूजो मत, पुजा पाठेम वेळ घाले पेक्षा करणी करेर शिको " !
अर्थात - कोई किसी से बडा नहीं, कोइ किसि से छोटा नहीं , सब समान हैं . किसी के नाम का जप मत करो , किसी की पूजा मत करो , किसी से डरो मत, पूजा पाठ मे समय बरबाद करणे के बजाय कष्ट करो कर्म करो .
3) "जो छाती करिय वोर साथ रियुं,
जो हाय नाकिय वोर ढेर पडीय"!
अर्थात - जो हिम्मत कटेगा उसकी जीत होगी ,
जो डर जायेगा उसकी हार होगी !
4) "मुही मट्टी सर्जित वीय केसुला नवी गोर मोरीय कोर - गोरुर राज आय"!
अर्थात - मुल निवसियो का दफनाया हूआ इतिहास जिंदा होगा . उदाहरण ; हडप्पा, मोहांजोडदो जिन लोगो को भारत की समाज व्यवस्था को नकारा है वो पलास के फूलो की तरफ धूप मे भी खीलेंगे और एक दीन एक देश मे बहुजनो का रजपाठ आएगा !
5) " घर घर नायक विय, चोरेर घर भी रेडो रेडी हिंदय,
बोडीर सासू सामळीय कोणी, याडिर बेटा सामळीय कोणी, याडिर न बेटा भारी बेजाय "!
अर्थात - शिक्षित नकारार्थी लोगो का प्रमाण बाढेगा, नितीहिन लोगो का राजपाठ आयेगा , चोरो को सम्मान मिलेगा, नितीहीन लोगो के पास पैसा रहेगा, सामाजिक लोगो का नाश होगा ! माँ आपने बाच्चो की परवरिष की जिम्मेदारी से भागेगी, जिम्मेदारी नहीं निभायेंगी तो फिर सास और बहु के बारे मे क्या कहेना !
सेवालाल महाराज की हर बात पर हमें गौर करना चाहिए, तभी मानवता का विकास होगा आखिर में वो कहते हैं|
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