महात्मा बसवेश्वर जी के जिवन के कूछ मुख्य तथ्य आप जाणते हो?
महात्मा बसवेश्वर जी के जिवन के कूछ मुख्य तथ्य आप जाणते हो?
1) महात्मा बसवेश्वर जी कोण थे ?
महात्मा बसवेश्वर एक आद्य भारतीय, समाजसुधारक, युगपुरुष के नाम से जाणे जाते है. उनका जन्म 1131 मे हूआ था ! उनके जन्म स्थल मे थोडा मतभेद चलता है , ज्यादातर काहा जाता हैं उनका जन्म कर्नाटक के विजापूर जिले मे इंगलेश्वर बागेवाडी मे हुआ. उनका जन्म अक्षय तृतीया को हुआ है ऐसा माना जाता है!
2) महात्मा बसवेश्वर जी के समाज के प्रति कार्य !
महात्मा बसवेश्वर जी ने कई पुराणी प्रथा परंपराओ का तथा कर्मठ विधियोका विरोध किया . वो मात्र 18 साल के आयु मे घर छोड कर कुंडलसंगम चले गये थे . वाहापर एक अध्ययन केंद्र था उसमे उन्होंने 12 साल अलग अलग भाषा , तत्वज्ञान, धर्म इत्यादी का अध्ययन किया ! बचपन से ही उनका सामज सुधारणा और शिक्षा की और झुकाव था !
कुंडलसंगम के अध्ययन केंद्र मे इतने दीन गुजारणे के बाद उनका विवाह हो गया. विवाह के बाद वो सोलापूर मे स्तिस्त मंगळवेढा गावं मे 31 साल रहे ! वहीपर उन्होंने लिंगायत धर्म की स्थापना की और धर्म प्रसार के लिये बसवेश्वर जी श्रवणबेलगोला, बसवकल्यान कर्नाटक स्टित प्रदेशो मे आये . इस जगह लिंगायत धर्म का प्रसार ज्यादा हो रहा था और विस्तार भी बढा!
महात्मा बसवेश्वर जी ने दया, अहिंसा, निती, शिल, सत्य, सदाचार इत्यादी का प्रचार किया. उन्होंने स्वर्ग,नरक, पुनर्जन्म, आत्मा ऐसा कूछ नहीं होता , ये लोगो ने बनाया हुआ झूट है. ऐसे चीजो का उन्होंने विरोध किया , उन्होंने भेदभाव का विरोध किया !
महात्मा बसवेश्वर जी के विचारो को झुटला नहीं जा सकता , उस वक्त जहा पुराणी प्रथा, परंपरा, छूवाछुत , जातीपाती, भेदभाव से बहुजन वर्ग त्रस्त था वही उन्होंने अनुभव मंडप की स्थापना की थी , उस मंडप मे सभी जाति के लोग सदस्य थे, उनमे महीलाये भी थी , 700 सदस्योमे 70 महिला सदस्य थी ! वहापर हर कीसी को बोलणे का मत व्यक्त करणे का स्वतंत्र था !
महात्मा बसवेश्वर जी ने उंची नीची जतीयो के आंतरजातीय विवाह कराये. उस वक्त उन्हे बहोत लोगोका रोष झेलना पडा, लोगो ने उन्हे विरोध किया. फिर भी वो डगमगाये नहीं वो आपणा कार्य करते रहे . उनका कहेंना था काम करो भिक्षा मत मांगो. उनका लोककल्याण के प्रति विचारो के कारण आज उनके लाखो अनुयायी है !
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