महात्मा ज्योतिबा फुले की ये बाते क्या आप जाणते है ?
महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के महान व्यक्तियो मे से एक हैं! उनके बारे मे ऐसी कई बाते है जो बहोत कम लोग जाणते हैं!
महात्मा फुले एक समाजसुधारक , लेखक, दार्शनिक, विचारक, क्रांतिकारक के साथ अनन्य प्रतिभाओ के धनी थे ! उनका जन्म 11 ऐप्रिल 1827 मे महाराष्ट्र के खानवडी, पुणे मे हूआ था !
उन्होंने दलितों को समाज में सम्मान प्राप्त करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र से शिक्षा का आंदोलन शुरू किया था और उन्होंने लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया था।
2)महात्मा फुले का नाम क्या था ?
महात्मा फुले का नाम आज हार कोई जनता है , पर उनका मुल नाम बहोत काम लोगोको पता है! उनका नाम ज्योतिबा गोविंदराव गोऱ्हे था , उनके पिताजी फुलो का व्यापार करते थे, इस कारण उनका नाम महात्मा ज्योतिबा फुले हो गया!
ज्योतिबा फुले ने हिंदू धर्म मे प्रचलित जातीवाद का विरोध कर सभी के लिये समान शिक्षा की बात की!
उन्होंने स्त्री शिक्षण और विधवा विवाह का समर्थन किया और बाल विवाह का विरोध किया !
उन्होंने महाराष्ट्र मे महिला शिक्षण और छूवाछुत के खिलाफ बडे पैमाने पे आंदोलन चालाये!
4) दलीतो और सोशितो के लिये कार्य?
महात्मा फुले का काम अस्प्रश्यता और जाती व्यवस्था के उन्मुलण तथा उत्पिडित्त जाती के लोगो को शिक्षित करणे के प्रयासो सहित कई क्षेत्रो तक फैला हूआ है!
उन्होंने उपन्यासों, लेखों, गीतों और नाटकों के माध्यम से जाति व्यवस्था के विरोध में लोगों को जागरूक करने का काम किया।
5) महात्मा फुले का शिक्षा मे क्या योगदान था ?
महात्मा फुले द्वारा पुरे महाराष्ट्र मे विद्यालयो का विकास कराया गया, उन्होंने लगभग 18 विद्यालय निर्माण करणे का काम किया .उन्होंने प्रौढ शिक्षा, स्त्री पुरूष के लिये स्वतंत्र पाठशालाये खोली !
ज्योतिबा फुले जब महेज 22 साल के थे तभी उन्होंने स्कूल शुरू कर दिये थे और पत्नी यानि के सावित्रीबाई फुले उनको पाढाया था !
22 साल की उम्र मे उन्होंने आपनी पत्नी के साथ घर छोड दिया था क्यूकी उन्होंने शुद्रो को शिक्षित करने की शपथ खाई थी और वो बात उनके निकटवर्ती , घरवालो को पसंद नहीं आई इसी कारण उनको घर छोडना पडा.
इतनी काम उम्र मे सिर्फ महाराष्ट्र मे ही नहीं बल्की लंडन तक एक प्रसिद्ध व्यक्ती बन चुके थे !
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