8 तथ्य जो डॉ बाबासाहब आंबेडकर जी के बार मे आप नही जाणते ?
1) बाबासाहब आंबेडकर जी का असली नाम क्या था ?
डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब आंबेडकर के रूप में भी जाना जाता है, भारत के संविधान निर्माता, समाजशास्त्री, विचारक और नेता थे। वह भारत के दलित समुदाय के लिए समाज, धर्म और राजनीति के क्षेत्र में संघर्ष करते रहे। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न विषयों पर लेखन और वक्तव्य किए जो समाज के विकास और उनके अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण थे।
आज ऐसा कोई नहीं है जो संविधान निर्माता डॉ बाबासाहब अंबेडकर को जनता ना हो . उनके पिताजी रामजी मालोजी सकपाल जो की भारतीय सेना मे ऐक फौजी थे, उनका पैतृक याणी बाप दादा तथा अन्य पूर्वाजो के समय से चला आया हुआ गाव आंबवडे जो की महाराष्ट्र के रत्नागिरी जीले मे स्तिथ है.
उस गाव के अनुसार उनका नाम आंबावडे से आंबवडेकर ओर फिर आंबेडकर हुआ हैं!
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2) बाबासाहब अंबेडकर का जन्म काहापर हुआ ?
आंबेडकर जी का जन्म मध्यप्रदेश के इंदोर जिले मे एक गावं महू मे 14 एप्रिल 1891 मे हुआं है तब उनके पीताजी वाहा पर नोकरी पर करते थे !
उनके एज्युकेशन लाईफ के बारे मे बात करे तो उन्होंने दो मास्टर डिग्री और बार-एट-लो के अलावा उन्होंने चार डॉक्टरेट डिग्री भी की थि, साथ मे उन्हे युरोपीय भाषा और संस्कृत सहित कूछ भारतीय भाषावो की भी जाणकारी थी!
उन्होंने आपने जीवन मे 3 महान लोगो से प्रेरणा ली थी उनको वे आपणा गुरू मानते थे . जीनमे से एक अखंड देश को शांती का संदेश देणे वाले सिद्धार्थ गौतम बुद्ध जो एक श्रमन थे जिनकी शिक्षाओ पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हूआ!
दुसरे गुरू संत कबीर थे जो की जन्म से मुसलमान थे लेकीन बाद मे वें रामानंद जो की एक हिंदू तपस्वी थे उनसे प्रभावित होके संत कबीर बने !
तिसरे गुरू महात्मा जोतिबा फुले थे स्त्री शिक्षण, विधवा महिला पुनर्विवाह, दलितो और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने का कार्य किया !
5) आंबेडकर पहिले विदेशी डॉक्टरेट!
बाबासाहब पहिले भारतीय थे जिंहोने विदेश जा के डॉक्टरेट की डीग्री हसील की थी !
भारत मे पहिले लेबारोको 14 घंटे काम करना पडता था लेकीन उन्होंने लेबर ॲक्ट के तहत लेबर कॉन्फरन्स के 7 वे सेक्शन मे भारत मे काम करणे वाले लेबरो का टाइम 14 घंटे से 8 घंटे कर दिया !
आंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के उठान की बात की थी, जो अब उसे एक संयुक्त राज्य का दर्जा देता है। उन्होंने समानता के लिए लड़ाई लड़ी और उन्होंने दलितों को अलग-अलग समाज से जोड़ने के लिए काफी प्रयास किए।
उन्हे एक जाती मे बांधना गलत बात है. उन्होंने देश के लिये संविधान का निर्माण किया हर व्यक्ती को बराबर अधिकार दिया , उन्होंने हिंदू स्त्रियो के लिये हिंदू कोड बील के आधार पर बहोत से अधिकार दिये है. उन्होंने कई ब्राह्मण छात्रो को भी सहाय्यता की है, उणका मानना था की हर वो व्यक्ती दलीत है जिसे सामाजिक सुविधा ना मिले !
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